
हार्ट अटैक से बचाव के 6 सबसे सफल योगासन
हार्ट अटैक से बचाव मैं योग मददगार है. योग एक शांतिपूर्ण आध्यात्मिक विधि है जो शरीर, मन और आत्मा को संतुलित रखती है। हेल्दी लाइफस्टाइल की शुरुआत आप योगासन और प्रणायाम से कर सकते हैं. योग करने से आपका पूरा शरीर स्वस्थ और सुखी होता है. आज हम आपको बता रहे हैं कुछ ऐसे योगासन के बारे में जिन्हें रेगुलर करने से हार्ट अटैक का खतरा बहुत कम हो जाएगाइसलिए, योग में कई ऐसे आसन हैं जो हृदय को स्वस्थ रखने में मदद करते हैं। निम्नलिखित हैं कुछ ऐसे आसन जो हृदय स्वास्थ्य को बढ़ाने में मदद करते हैं:
हार्ट अटैक से बचाव के आसन
.1 हार्ट अटैक से बचाव भुजंगासन योग
भुजंगासन योग का एक आसन है हार्ट अटैक से बचाव करता है जो शरीर को मजबूत और लचीलापन देता है। इस आसन को सांस लेने वाले और पैदल चलने वाले व्यक्तियों के लिए बेहद फायदेमंद माना जाता है।
स्थित हों। अपने शरीर को धीरे-धीरे फैलाएँ और फिर पैरों को समतल करें।अपने हाथों को शरीर के साथ सीधे रखें। अपने हाथों को सामने की ओर रखें और उन्हें अपने छाती के नीचे रखें। अब, अपने साँस छोड़ते हुए अपने ऊपरी शरीर को ऊपर उठाएँ। इसके लिए, अपने हाथों के सहारे अपने ऊपरी शरीर को ऊंचा करें। इस स्थिति में, अपनी साँस को नष्ट करें और अपने शरीर को धीरे-धीरे फिर से मांग लें।अपने हाथों को छाती के नीचे रखते हुए, अपने शरीर को धीरे-धीरे फैलाएँ।अपने हाथों को शरीर के साथ सीधे रखें और फिर से अपने पैरों को समतल करें। इस आसन को लगातार करने से शरीर का रक्तसंचार सुधरता है।
भुजंगासन करने के फायदे
.1 भुजंगासन करने के कई फायदे होते हैं। कुछ फायदों को निम्नलिखित रूप में देखा जा सकता है:
.2 पीठ और कंधों को मजबूत करना – भुजंगासन स्पाइन को अलंकृत करने में मदद करता है और पीठ और कंधों को मजबूत बनाता है।
.3 श्वास तंत्र को सुधारना – भुजंगासन श्वास तंत्र को सुधारता है और सांस लेने की क्षमता को बढ़ाता है।
.4 अधिकांश नाभि और पेट के विकास को बढ़ाना – इस आसन को करने से अधिकांश नाभि और पेट के विकास को बढ़ाया जा सकता है।
.5 मधुमेह के नियंत्रण में मदद करना – भुजंगासन मधुमेह के नियंत्रण में मदद कर सकता है।
.6 थकान को कम करना – भुजंगासन शरीर को ऊर्जा देता है और थकान को कम करता है।
.7 मानसिक तनाव को कम करना – भुजंगासन मानसिक तनाव को कम करने में मदद करता है और मन को शांत रखता है।
.8 पीठ और कंधों के दर्द को कम करना – भुजंगासन पीठ और कंधों के दर्द को कम करता है।
2. हार्ट अटैक से बचाव गोमुखासन
गोमुखासन एक योगासन है जो हार्ट अटैक से बचाव करता है शरीर के अधिकांश हिस्सों को संतुलित करता है। इस आसन को करने से पुरुषों की तुलना में महिलाओं को अधिक लाभ होता है। इसके लिए, गोमुखासन के कुछ फायदे निम्नलिखित हैं:
.1 कंधों के दर्द को कम करना – गोमुखासन कंधों के दर्द को कम करता है और कंधों को मजबूत बनाता है।
.2 स्पाइन को संतुलित करना – इस आसन को करने से स्पाइन को संतुलित किया जा सकता है और इससे बैकपेन की समस्या भी दूर हो सकती है।
.3 पेट की चर्बी को कम करना – गोमुखासन करने से पेट की चर्बी को कम किया जा सकता है।
.4 साइड की फैट को कम करना – इस आसन को करने से साइड की फैट को कम किया जा सकता है।
.5 हृदय को स्वस्थ रखना – गोमुखासन करने से हृदय को स्वस्थ रखने में मदद मिलती है।
.6 हाथों, कंधों और कलाइयों को मजबूत बनाना – इस आसन को करने से हाथों, कंधों और कलाइयों को मजबूत बनाया जा सकता है।
.7 मानसिक तनाव को कम करना – गोमुखासन मानसिक तनाव को कम करने में मदद करता है
गोमुखासन को निम्नलिखित तरीके से किया जाता है:
सबसे पहले एक योगमाट या एक चटाई पर बैठें। अपने पैर सीधे रखें।दाईं जांघ को घुटनों से मिलाकर बाएं जांघ के ऊपर रखें। यदि आपके दोनों घुटने एक दूसरे के साथ संपर्क में नहीं हैं तो एक ब्लैंकेट या बोलस्टर इस्तेमाल करके अपने घुटनों के बीच की दूरी को कम करें।अपनी बाईं उंगली से अपने दाएं पैर की उंगली को पकड़ें और अपने बाएं हाथ को ऊपर की ओर उठाएँ।अब अपने दाएं हाथ को अपने पीछे ले जाएँ और बाएं हाथ को आपके पीछे उठाएँ। अब अपने दो हाथों को संपर्क में लाएँ।आसन को लंबे समय तक रखने के बाद सांस छोड़ें और उन्हें शुरू करें। उस समय अपने श्वास को धीरे-धीरे लंबा करने का प्रयास करें।उसी प्रकार से अपने दाहिने पैर के लिए भी करें।ध्यान रखें कि जब आप इस आसन को करते हैं, तो अपनी श्वास ध्यान में रखें
3. हार्ट अटैक से बचाव मलासन
मलासन एक योगासन है जो हार्ट अटैक से बचाव करता है आपको अपनी पाचन शक्ति को बढ़ाने में मदद करता है। इसे निम्नलिखित तरीके से किया जाता है:
सबसे पहले एक योगमाट या एक चटाई पर बैठें। आप अपने पैरों को सीधा रख सकते हैं या अपनी जांघों को घुटनों से मिलाकर अपने पैरों के समान रख सकते हैं।अब आप अपने पैरों को आपस में मिलाकर और अपने गुदा पास करते हुए बैठें। अब अपने पैरों को अपने कूल्हों से बाहर निकालें। अपने पैरों को आसमान की ओर उठाकर जितना हो सके, जितना संभव हो।अब आप अपने दोनों हाथों को आगे की ओर बढ़ाएँ और अपने शरीर को आगे की ओर झुकाएँ। अपने हाथों को आगे की ओर बढ़ाने के साथ ही अपने शरीर को आगे की ओर झुकाएँ।अपने हाथों को अपनी सीधी जांघों के पीछे ले जाएँ ताकि आपके हाथ आपकी बैक में बैठने वाले दोनों हिस्सों को स्पर्श कर सकें। अब अपने शरीर को आराम से धीरे-धीरे बढ़ाएँ और अपने श्वास को संभालें
मलासन के फायदे
मलासन एक योगासन है जो आपकी पाचन शक्ति को बढ़ाने में मदद करता है। यह आपकी बैक, हिप्स, घुटने और जांघों को फ्लेक्स करता है जिससे आपकी संभावित घातक विकारों का समाधान होता है। इसके अलावा, निम्नलिखित मलासन के और भी कुछ फायदे होते हैं:
.1 पाचन तंत्र को सुधारना: मलासन आपके पाचन तंत्र को सुधारने में मदद करता है। इस योगासन में बैठने से आपकी पाचन शक्ति बढ़ती है और आपके पेट के अंदर की गतिविधि को उत्तेजित किया जाता है।
.2 स्पाइन को संतुलित करना: मलासन आपके स्पाइन को संतुलित करने में मदद करता है। इस योगासन में बैठने से आपकी बैक और हिप्स की मांग नहीं होती है जिससे आपके स्पाइन की सही स्थिति बनी रहती है।
.3 हिप्स और जांघों को मजबूत बनाना: मलासन आपके हिप्स और जांघों को मजबूत बनाने में मदद करता है। इस योगासन में बैठने से आपके हिप्स और जांघों की मांग पूरी होती है जिससे ये अधिक मजबूत बनते हैं।
4. ताड़ासन
ताड़ासन योग का एक आसान आसन है. जो हार्ट अटैक से बचाव करता है जिसे स्थिरता और धैर्य की भावना के साथ किया जाता है। निम्नलिखित हैं इस आसन की विस्तृत विधि:
समझौते करें: ताड़ासन करने से पहले आपको समझौते में बैठ जाना होगा। इसके लिए, अपने पैरों को हड्डी की लंबाई वाले दोनों पद्मासन में रखें। आप यह आसन एक कंधे पर बैठकर भी कर सकते हैं।
समथ्वमुद्रा: अब, आप अपनी स्पाइन को सीधा रखें और अपने हाथों को समथ्वमुद्रा में रखें। इसके लिए, अपने हाथों को आपस में मिलाएं और ऊपर की ओर झुकाएँ ताकि आपके हाथों की अंगुलियों की सिरे आपकी नाभि से मिले। अपने हाथों को शांत रखें।
श्वास लें: अब, अपनी सांस अंत तक फूलें और आधी सांस छोड़ दें। अब श्वास को धीरे से निकालें। आप श्वास निकालते समय अपने पैरों को ऊपर की ओर उठा सकते हैं या फिर आप अपने पैरों को जमीन पर भी रख सकते हैं।अंत में, आप अपनी सांस को धीरे से छोड़ सकते हैं
5. वृक्षासन
वृक्षासन योग का एक प्रमुख आसन है जो हार्ट अटैक से बचाव करता है हमारे शरीर के संतुलन और टोनिंग को बढ़ाता है। निम्नलिखित हैं वृक्षासन के विस्तृत निर्देश।
सबसे पहले अपने दोनों पैरों को सामने रखें। फिर अपने दाहिने पैर को बाईं जानु के ऊपर रखें। उस पैर के टोंगे को बाईं जानु के बाहरी भाग से लगाएं।अब अपने शरीर का वजन दायें पैर पर लगाएं और उस पैर के साथ खड़े रहें। ध्यान रखें कि अपने बाएं पैर को नहीं उठाना है।अब अपने बाएं हाथ को ऊपर उठाएं ताकि वह आसमान की ओर दृष्टि करे। अपने बाएं हाथ को सीधा रखें और इसे अपने सिर के ऊपर से जोड़ें।ध्यान रखें कि अपने शरीर का वजन दाहिने पैर पर ही होना चाहिए। अपने श्वास को सामान्य बनाएं और अपनी साँसों को लंबा करें।इस स्थिति में कुछ समय तक रहें और फिर धीरे से अपने हाथों को नीचे लाएं और अपने शरीर को धीरे से समानता में लाएं।उसी तरह से अब दायें पैर को बाए
वृक्षासन योग के फायदे
वृक्षासन योग हमारे शरीर को विभिन्न तरीकों से लाभ पहुंचाता है। इसके कुछ महत्वपूर्ण फायदे निम्नलिखित हैं:
1. संतुलन बनाए रखना – वृक्षासन योग हमारे शरीर को संतुलित बनाता है। इस आसन के द्वारा हम शरीर के बाएं और दाएं भाग का संतुलन बनाए रख सकते हैं।
2. बढ़ता है टोनिंग – वृक्षासन योग हमारे शरीर के बाएं और दाएं भाग को टोन करता है जिससे हमारे शरीर का संरचनात्मक रूप से विकास होता है।
3. स्पाइन को संगठित बनाना – वृक्षासन योग हमारी स्पाइन को संगठित बनाता है। इससे हमारी स्पाइन के माध्यम से एक सही रूप में श्वास लिया जा सकता है।
4. मांसपेशियों को मजबूत बनाना – वृक्षासन योग हमारी मांसपेशियों को मजबूत बनाता है। इससे हम बढ़ते हुए उम्र में भी मजबूत रह सकते हैं।
5. स्ट्रेस कम करना – वृक्षासन योग हमें स्ट्रेस कम करने में मदद करता है। इस आसन के द्वारा हम शांति की स्थिति में आते हैं जिससे हमारा मन शांत होत
6. अनुलोम विलोम प्राणायाम
अनुलोम विलोम प्राणायाम एक प्राणायाम है जो हार्ट अटैक से बचाव करता है आसानी से किया जा सकता है। इस प्राणायाम के लिए, हम बैठक में बैठते हैं और नाक से सांस लेते हुए एक नाक के द्वारा सांस फेंकते हुए दूसरे नाक से सांस लेते हुए जारी रखते हैं। यह प्राणायाम श्वसन नाली को साफ़ करता है और श्वसन तंत्र को संतुलित रखता है। इसके अलावा, इस प्राणायाम के कुछ महत्वपूर्ण फायदे निम्नलिखित हैं:
स्ट्रेस और अधिकतम चिंता को कम करने में मददगार होता है।अनुलोम विलोम प्राणायाम श्वसन तंत्र को संतुलित करने में मदद करता है और हृदय के लिए बहुत लाभदायक होता है।यह प्राणायाम मस्तिष्क को शांति देता है और मानसिक तनाव को कम करता है।अनुलोम विलोम प्राणायाम श्वसन नाली को साफ करता है और फेफड़ों के लिए लाभदायक होता है।इस प्राणायाम को नियमित रूप से करने से श्वसन संबंधी बीमारियों जैसे अस्थमा और ब्रोंशाइटिस जैसी बीमारियों से छुटकारा पाया जा सकता ह

