लग्न का कमजोर होना जन्म कुंडली कॉल

जन्म कुंडली में लग्न भाव का स्वामी? लग्नेश से संबंधित तथ्य अवश्य जानना चाहिए

लग्न भाव का स्वामी आपकी कुंडली में जिंस भी भाव में बैठा होता है उसके प्रभाव आपके ऊपर आपके व्यक्तित्व पर नजर आते हैं इसलिए इस लग्नेश के बारे में  सटीक जानकारी हो  जीवन की आने वाली समस्याओं का मुकाबला आसानी से कर सकते हैं क्योंकि लग्न का मतलब आप हैं

लग्नेश लाभ भाव में

जन्म कुंडली में लग्नेश अगर ग्यारहवें भाव में बैठे हो तो जातक के पास आए की अनेकों अनेक स्त्रोत होते हैं ऐसे लोगों को अनेक रास्तों से धन प्राप्त होता है और जीवन धन धन प्राप्त होता ही रहता है

लग्नेश अष्टम भाव में

ज्योतिष शास्त्र में कहा जाता है कि लग्नेश जिस भाव में बैठते हैं उस भाव के प्रभाव में वृद्धि कर देते हैं लग्नेश अष्टम भाव में बैठकर आयु की वर्दी कर देते हैं परंतु अष्टम भाव अच्छा नहीं होता इसलिए जीवन भर परेशानियों समस्याएं बनी रहती है जातक कभी भी खुश नहीं रह पाता है क्योंकि लग्न जातक पर शरीर होता है उसे शारीरिक समस्याएं भी बनी रहती है हर काम में बाधा और विघ्न उत्पन्न होता रहता है व्यक्ति परेशान हो जाता है

लग्नेश छठे घर में

लग्नेश छठे भाव में बैठकर सतवंत आयोग बनाते हैं इसकी वजह से जातक के शत्रु उसका कुछ भी नहीं उखाड़ पाते हैं परेशानियां कम करने का काम करेगा लेकिन वह खुद लग्न पति है और जाकर छठे भाव में बैठे हैं तो तू जो परेशानियां बन रही है उनको दबाने का कार्य करेगा उसकी वजह से लग्नेश कमजोर हो जाएगा क्योंकि परेशानियां बार-बार आती और लग्नेश मतलब व्यक्ति का कार्य सिर्फ परेशानियों को दबाने का रह जाता है

कुंडली में लग्न में लग्नेश अगर कमजोर हो जाए तो बाकी दूसरे ग्रहों का भी वह बलाबल नहीं मिल पाता जो ग्रहों के बलाबल की आपको आवश्यकता होती है ऐसी परिस्थिति में लग्न व लग्नेश को मजबूत करना आवश्यक हो जाता है क्योंकि ज्योति शास्त्री माना जाता है कि अगर लग्न और लग्नेश बल्ली होते हैं तो बाकी ग्रह कुंडली में अगर कमजोर हो तो भी जीवन में लाभ बना रहता है खुशियां में रहती है समस्याएं नहीं आती है इसलिए लग्न और लग्नेश को मजबूत करना अत्यंत आवश्यक है लग्न में लग्नेश के कमजोर होने के इनके अलावा और भी अन्य कारण हैं जैसे कि लग्न या लग्नेश का कम डिग्री पर कुंडली में स्थित होना, मृत अवस्था में होना, पापी ग्रह की दृष्टि होना, अनेकों अवस्थाएं होती है ऐसी परिस्थिति में लग्न को बलि करना चाहिए

फिर भी अगर सूर्य कुंडली में मजबूत हो तो परिस्थितियां खराब नहीं होती है सूर्य सबसे ताकतवर ग्रह होता है और इसका कुंडली में मजबूत होना आपके जीवन के लिए काफी अच्छा माना जाता है

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