Kadaknath खाने का फायदे अनेक हैं क्या आप भी Farm शुरू करना चाहते हैं

 

कोरोना मैं लोग अपनी हेल्थ के लिए बेस्ट सप्लीमेंट ढूंढ रहे थे. रिसर्च की तो पता चला कि कड़कनाथ की मांग में काफी इजााफा हो रहा है.  ब्रायलर चिकन के मुकाबले इसकी कीमत भी ज्यादा 1000 से 1200 रुपए प्रति केजी बिकता है मीट. महंगे होने के बावजूद भी लोगों में डिमांड का स्तर काफी ऊंचा है. कुछ लोग शौक से तो कुछ स्वाद, पौष्टिकता तथा निरोग होने की वजह से इसे खाना पसंद करते हैं. 

 

Kadaknath खाने का फायदे

 

 कड़कनाथ अत्यधिक पौष्टिक एवं प्रोटीन से भरपूर होता है, साथ ही इसमें कोलेस्ट्रोल का स्तर भी बेहद कम होता है. कोलेस्ट्रोल तथा निरोग होने की वजह से शुगर, रक्तचाप तथा हृदय रोग संबंधित लोगों के लिए यह बेहद ही फायदेमंद होता है. इसका मीट डायबिटीज, हृदय, कैंसर रोगियों के लिए बहुत ही फायदेमंद और कड़कनाथ के औषधीय गुणों के कारण इसे काफी पसंद कर रहे हैं.

 

Kadaknath chickan क्या आप जानते हैं फायदे इसको खाने का
Kadaknath chickan क्या आप जानते हैं फायदे इसको खाने का

 

कैसा होता है कड़कनाथ

 

कड़कनाथ मुर्गा काले रंग का होता है उसका मांस काला ही होता है.डेढ़ से दो किलो के बीच इसका वजन होता है और इसका मीट काफी स्वादिष्ट बनता है.कड़कनाथ चिकन अपनी गर्म और अपने भूरे-काले मांस के लिए लोकप्रिय है, जिसके बारे में माना जाता है कि यह काफी ताक़त देता है.

इसए मांस का रंग मेलेनिन के कारण होता है. कड़कनाथ नस्ल में सामान्य मुर्गे की नस्ल की तुलना में लगभग 10 गुना अधिक लौह तत्व होता है. वास्तव में उच्च लौह सामग्री इसके काले त्वचा का रंग और यहां तक कि रक्त के रंग के पीछे मुख्य कारण है.

Kadaknath नस्ल की मुर्गियों द्वारा दिए गए अंडे भी काफी लोकप्रिय हैं. बात अंडों की है तो साधारण मुर्गों के अंडे की तुलना में कड़कनाथ मुर्गे का अंडा 20 से 25 रुपया महंगा 35 रुपए प्रति पिस बिकता है.  Kadaknath नस्ल की उत्पत्ति मध्य प्रदेश के झाबुआ जिले के काथिवार अलीराजापुर जंगलों से मानी जाती है.

मध्य प्रदेश और कर्नाटक में इसकी फार्म ज्यादा है अन्य राज्यों के मुकाबले. यही कारण है कि कड़कनाथ का चिकन हर जगह उपलब्ध नहीं है.कड़कनाथ चिकन आसानी से मिलता भी नहीं है इस वजह से काफी महंगा है.

 

Kadaknath: कड़कनाथ मुर्गा पालन

 

  • कड़कनाथ मुर्गी पालन के फायदे (Benefits of Kadaknath Farming)

  • कड़कनाथ मुर्गों की बाजार में ज्यादा डिमांड

  • अन्य मुर्गियों के तुलना में अधिक प्रतिरोधक क्षमता

  • अधिक औषधीय गुण

  • रखरखाव बेहद आसान

  • खानपान में ज्यादा खर्च नहीं

  • इसका मीट कैंसर, डायबिटीज, हृदय रोगियों के लिए बहुत ही फायदेमंद

 

 

आज कड़कनाथ मुर्गा पोल्ट्री बिजनेस करने वाले किसानों की पहली पसंद बन गया है. मध्य प्रदेश के झबुआ जिले से आने वाली ये प्रजाति आज दुनियाभर में फेमस हो रही है. कड़कनाथ का काला रंग तो आकर्षण का केंद्र है ही, लेकिन इसके मांस और अडे में मौजूद औषधीय गुण भी बढ़ती डिमांड के लिए जिम्मेदार हैं.

साधारण नस्ल के पोल्ट्री फार्म को मुनाफा देने में कई साल का समय लग सकता है, लेकिन सही प्रबंधन किया जाए तो सालभर में ही कड़कनाथ फार्म से अच्छी कमाई होने लगती है. गौरतलब है कि फार्मिंग तथा अन्य सभी खर्चे छांटने के बाद भी एक मुर्गे की बिक्री पर विक्रेता को 300 से 400 रुपए का फायदा हो जाता है.

 

 कड़कनाथ को मध्य प्रदेश के झबुआ और धार जिलो में आदिवासी समुदाय पालते हैं. वर्तमान में आपको नजदीक क्षेत्रों में इसकी फॉर्म मिल जाएंगे.अब किसानों के साथ-साथ पेशेवर युवा भी कड़कनाथ पालन से जुड़ रहे हैं.

खबरों के अनुसार कड़कनाथ मुर्गे बहरीन भी एक्सपोर्ट करते हैं. वहां कड़कनाथ चिकन को काफी पसंद किया जाता है. 

 

कैसे करें कड़कनाथ मुर्गा पालन

 

Kadaknath Farming करने के लिए सर्वप्रथम आपको एक शेड का निर्माण करवाना होगा और आपके नजदीक इस क्षेत्र में जहाँ पर भी चूजे उपलब्ध हो वहाँ से  उचित प्राइज में खरीद कर आप इसका पालन शुरू कर सकते हैं.यह एक देसी किस्म की नस्ल है.

इसलिए इसे हाइब्रिड दाने की जरूरत नहीं होती है इसे आप मक्का, बाजरा, हराचारा व किचन वेस्ट खिलाकर पाल सकते हैं. प्रोटीन की मात्रा दाने में अच्छी होती है ग्रोथ अच्छी होती है. इसलिए आप चिकन फीड भी खिला सकते हैं

अगर आप व्यावसायिक स्तर पर कर रहे हैं.और यह सामान्यत नेचुरल टेम्परेचर को भी बर्दाश्त कर लेता है कुल मिलाकर कहा जाए तो  इसका पालन ब्रॉयलर चिकन के मुकाबले आसान होता है.परन्तु व्यावसायिक स्तर पर एक फायदे का बिज़नेस नहीं है.

 

क्या करनी चाहिए कड़कनाथ फार्मिंग 

 

मैं अगर अपनी निजी राय दूँ तो उसका व्यवसायस्तर पर पालन  तभी किया जाए जब आप किसान हैं और खेती करते हैं.और उसके साथ में एक कमाई का साधन आप कड़कनाथ फार्मिंग कर सकते हैं.और मार्केट में इसके प्राइस के हिसाब से आपको अच्छा मुनाफा मिल सकता है और इसके फॉर्म की साइज हजार चिक से शुरू की जानी चाहिए.जब आपको लगे कि व्यवसाय में आपको मुनाफा हो रहा है और आपके क्षेत्र में इसकी डिमांड है तो आप इसको आगे बढ़ा सकते

 

लेकिन किसान नहीं है और युवा हैं. और कड़कनाथ फार्मिंग का व्यवसाय शुरू करना चाहते हैं तो ये बेवकूफ़ी भरा कदम से ज्यादा कुछ भी नहीं है.क्योंकि लाइवस्टॉक बिज़नेस करना वैसे भी टेढ़ा काम होता है. इसमें नुकसान की ज्यादा संभावना रहती है. किसान ऐसे नुकसान को बर्दाश्त कर लेता है.

 

और सबसे बड़ा कारण ये है कि अगर इसकी प्राइस ज्यादा है तो इसकी लागत भी ज्यादा आती है क्योंकि इसे सामान्य वैट लेने में छह महीने लग जाते हैं जिससे लेबर कॉस्ट व खाने का कॉस्ट बढ़ जाता है.जबकि ब्रॉयलर 35 दिन में तैयार हो जाता है. जिससे उसकी कॉस्ट कम आती है और मुनाफा ज्यादा होता है.इसी वजह से कड़कनाथ फार्मिंग शोख से या छोटे स्तर पर किया जाना बेहतर है.

 

जिसे गीर गाय पालन में भी यही होता है अगर आप छोटे किसान है तो आसानी से एक दो गाय का पालन कर लेते हैं लेकिन जब बड़े स्तर की बात आती है तो फिर आपका शोक और आपके पास अच्छापेशा, पाँच गुना रेट में मिल्क प्रॉडक्ट खरीदने वाले ग्राहक हो तभी सफल होते हैं वैसे ही ये है

 

अगर आपको व्यावसायिक स्तर पर फारमिंग करनी है तो ब्रॉयलर फार्मिंग या लेयर फार्मिंग करनी चाहिए.क्योंकि कम समय में, उचित प्राइस पर, प्रॉडक्ट तैयार हो जाता है और मार्केट भी जबरदस्त है

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